खत डालिए हुजुर को आदाब बोलिए
आप आ रहे हैं आज बहुत याद बोलिए तनहाई भरे दर्द का एहसास क्या लिखे आप अपने ही जख्मो की बस फरियाद बोलिए गर दर्द दबाये न दबे वेवफा है वो बस दर्द में डुबी हुयी एक बात बोलिए दर्द हद से गुजर जायेगा पानी बनकर अपने ऑखो में बसे दर्द की इबरात बोलिए
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