बेटे बेटियों के सहयोग से संपन्न हुआ नेत्रदान
7 घंटे पहले
रमता है सो कौन घट घट में विराजत है रमता है सो कौन बता दे कोई...............................
''योग'' शब्द संस्कत के ''युज'' धतु से बना हैं, जिसका अर्थ है-बॉधना,जोडना, मिलाना, युक्तकरना ध्यान को नियंत्रित करना केन्द्रित करना,उपयोग में लाना या लगाना । ''योग'' का अर्थ संयोग या मिलन भी माना जाता हैं । अपनी इच्छा को भगवान की इच्छा में संयुक्त कर देना ही सच्चा योग हैं । अर्थात मन वाणी कर्म से र्इश्वर में विलीन होना ही योग हैं, जिसमें आपकी समस्त क्रियाये अनुशासित होती हैं, व ईश्वरीय निर्देशानुसार संचालित हो रही है जीवन में ऐसी सम्यावस्था को प्रस्थापित करने की क्रिया को योग कहते हैं ।
आज का लोक तंत्र अब्राहम लिकन की उस युक्ति पर आधारित है जिसमें आपने लोकतंत्र की परिभाष करते हुये कहा था कि लोकतंत्र जनता से जनता द्वारा और जनता के लिए संचालित किया जाता हैं ।लेकिन प्रक्रियागत रूप से इस परिभाषा को लागू करने के रास्ते भिन्न -भिन्न हैं अब के देशइतनेछोटे नही रहे कि आम जनता द्वारा संचालित प्रत्यक्ष लोकतंत्र का पालन किया जा सके वरन इसके स्थान पर प्रतिनिधात्मक लोकतंत्र का आश्रय लिया गया हैं।